THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR SIDH KUNJIKA

The Single Best Strategy To Use For sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।

छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता

इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र sidh kunjika के लाभ

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