TOP GUIDELINES OF SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

[They are preliminary stotras that need to be recited before looking at of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it advised that if this kunjika stotram is recited then there's no must recite all these.]

क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥

ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां get more info वीं वूं वागधीश्वरी।

श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)

इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।

Kunjika practically signifies “anything overgrown or hidden by expansion or increasing items.” Siddha implies perfection.

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।

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